कहानी: इत्तफ़ाक़

रात के 11 बज रहे हैं और जगह है लंदन का हीथ्रो एयरपोर्ट.

मुंबई, भारत जानेवाले यात्री अपनी फ़्लाइट का इंतज़ार कर रहे हैं. तभी अनाउंसमेंट होती है ‘मे आई हैव योर अटेन्शन प्लीज़... वी आर सॉरी टू इन्फ़ॉर्म यू, द फ़्लाइट स्केड्यूल्ड टू डिपार्ट फ्रॉम लंडन टू मुंबई इज़ कैंसल्ड, बिकॉज़ ऑफ़ सम मेजर फ़ॉल्ट इन द एअरक्राफ़्ट इंजिन. फ़्लाइट नंबर 2के36 नाउ डिपार्ट टुमॉरो मॉर्निंग. लंडन हीथ्रो एयरपोर्ट इज़ सॉरी फ़ॉर योर इन्कन्वीनियन्स.

‘‘व्हॉट इज़ दिस ऑल नॉन्सेंस? क्या बकवास है? कैसा मैनेजमेंट है? हाउ कैन बी दे सो कैशुअल? दे डैम केयर फ़ॉर पैसेंजर्स...नो नो आई कान्ट कीप मम. मज़ाक बना रखा है. दे डोंट केयर, कितना नुक़सान हो जाता है हमारा. मुझे हर हाल में टाइम पर मुंबई पहुंचना है. आई हैव टू इनॉगरेट एन इम्पॉर्टेंट इवेंट इन मुंबई. इन्होंने बस ऐंवीं समझ लिया क्या हमें?’’ सफ़ेद सलवार-गुलाबी कमीज, धानी रंग का दुपट्टा. कंधे तक बाल और हाथों में काले रंग का लेदर बैग थामे, चश्मे को आंखों के बजाय सिर पर टिकाए, भुनभुनाती हुई लक्की कपूर हीथ्रो एयरपोर्ट के इनक्वायरी काउंटर की तरफ़ जा रही हैं. आख़िर लक्की कपूर कोई आम यात्री नहीं हैं. कभी इंडिया की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक रह चुकीं लक्की, अब एक सुप्रसिद्ध सोशलाइट वुमन हैं.

लक्की किसी ज़माने में मैगज़ीनों के पहले पन्ने की शान रहा करती थीं. 40 की उम्र पार कर चुकी हैं, लेकिन आज भी ख़ुद को फ़िट रखने में कसर नहीं छोड़तीं. यही कारण है कि चेहरे की रौनक आज भी बरक़रार है. इन दिनों लक्की अपने सामाजिक कारनामों मतलब समाजसेवा की वजह से चर्चा में रहती हैं. वैसे भी अधिकतर सेलेब्रिटिज़ पर से जब ग्लैमर का पाउडर उतर जाता है तो वे सोशल वर्क का ही सहारा लेते हैं, अख़बारों में दिखने-छपने के लिए. लक्की आगे बढ़ती जा रही थीं. इससे पहले कि वह काउंटर पर पहुंचकर अपनी भड़ास निकालतीं, जो खरी-खोटी वे सुनाना चाहती थीं, वही बातें मैनेजमेंट को सुनाई जा रही हैं, लेकिन किसी और के मुंह से.

‘‘व्हाट द हेल यू पीपल डन हियर? हैव यू थॉट... बिकाज़ ऑफ़ योर मिस मैनेजमेंट वी पीपल सफ़र... यू डोन्ट गिव एनी प्रायर इन्फ़ॉर्मेशन...’’ लक्की उस महिला की ओर रुख़ करती हैं, जिसके मुंह से उनके मन की बातें झड़ रही हैं. जीन्स, ढीला-ढाला टी-शर्ट, गले में रुद्राक्ष की माला, हाथों में नज़र कवच पहनी महिला को देखकर वह दंग रह जाती हैं. वह ट्रेंडी महिला भी कोई आम महिला नहीं, बल्कि भारतीय आर्ट फ़िल्म्स में ख़ास पहचान स्थापित कर चुकीं अभिनेत्री व सेलेब्रिटी महिमा सिंह हैं. महिमा कुछ सालों पहले तक समानांतर में ख़ासी ऐक्टिव थीं. उस दौर में जब अभिनेत्रियां ग्लैमर के पीछे भागती थीं, महिमा ने अलग रूप धारण कर रखा था. 

लक्की ने सोचा,‘साड़ियों में नज़र आनेवाली सीता आज रीटा कैसे बन गई? और वह यहां क्या कर रही है?’ बहरहाल, महिमा सिंह ने अपने हिस्से की भड़ास निकाल ली है. अपना सामान संभालती महिमा की नज़र अचानक लक्की कपूर पर पड़ती है. दोनों की आंखें मिलती हैं. दोनों एक-दूसरे को देखकर चौंकती हैं. लेकिन इसे ज़ाहिर किए बिना सेलेब्रिटी अंदाज़ में एक-दूसरे को हाय कहती हैं, गले लगाती हैं. और हां, बटरफ़्लाई किस किए बगैर कोई सेलेब्रिटी मीटिंग कैसे पूरी हो सकती थी? तमाम औपचारिकताओं के बाद बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ता है. मुंबई में एक ही इलाक़े में रहनेवाली अभिनेत्रियां कभी फ़ुर्सत से वहां नहीं मिलतीं और इत्तफ़ाक़ देखिए, यहां विदेश में दोनों एक-दूसरे से टकरा गईं.

‘‘ओह एमजी... व्हॉट अ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़ डियर! आइ नेवर थॉट वी कैन मीट लाइक दिस आफ़्टर लॉन्ग टाइम. ग्लैड टू सी यू हियर. हाउ आर यू? व्हॉट्स गोइंग ऑन?’’ लक्की कपूर एक सांस में सवालों के बौंछार करती जा रही हैं.

‘‘या या इवेन आई एम सर्प्राइज़्ड! गुड टू सी यू हियर,’’ महिमा सिंह ने भी अपनी बनावटी ख़ुशी ज़ाहिर की. क्योंकि जब ये दोनों अभिनेत्रियां सक्रिय थीं, तब मौक़ा मिलने पर एक-दूसरे पर छींटाकशी से नहीं चूकती थीं. लक्की को अपने ग्लैमर का घमंड था, वहीं महिमा ग्लैमर विहीन फ़िल्मों में काम कर अपनी अलग पहचान स्थापित कर चुकी थीं, उन्हें उसका गुरूर था. कहीं न कहीं वही समीकरण आज भी काम कर रहा है. लक्की और महिमा दोनों के मन में एक-दूसरे के लिए बिल्कुल एक जैसे भाव थे. क्या हुआ जो इन दिनों वे फ़िल्मों में कम नज़र आ रही हैं, पर हैं तो अभिनेत्रियां, उनका स्वभाव तो नहीं बदलनेवाला. दोनों एक-दूसरे के बारे में सबकुछ जानना चाहती हैं और साथ ही साथ एक-दूजे से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाना भी उनका लक्ष्य है.

‘‘वेल, महिमा मैं तो तुम्हें देख कर चौंक गई यार. सीता इज़ इन रीटा अवतार! कैसे हुआ यह सब? और यहां लंडन में क्या कर रही हो? किसी फ़िल्म की शूटिंग के लिए आई थी क्या?’’ लक्की ने चुटकी लेते हुए जानना चाहा.

‘‘नो, नो... आईएम हियर फ़ॉर शॉपिंग. ऐंड यस यू आर राइट, कुछ फ़ॉरेन प्रोजेक्ट्स पर बातचीत चल रही है. दे सॉ माई इंडियन मीनिंगफ़ुल सिनेमा ऐंड दे वेयर सो इंप्रेस्ड. तुम्हें तो पता ही है न मैंने जिस तरह की फ़िल्में की हैं, वे कितनी मीनिंगफ़ुल थीं. आज भी इंटरनैशनल लेवल पर लोग मेरी फ़िल्में देखना पसंद करते हैं. वे अब भी मेरे साथ काम करना चाहते हैं. लक्की लुक, दिज़ इज़ द एडवॉन्टेज ऑफ़ डूइंग मीनिंगफ़ुल सिनेमा. आज भी इसकी डिमांड है,’’ महिमा ने लक्की को बातों ही बातों में एहसास कराने की कोशिश की कि वह लक्की से एक क़दम आगे है.

‘‘बाय द वे यू नो महिमा आई वॉज़ ऑन द लैविश हॉलिडे ट्रिप विद फ्रेंड्स. एज़ यू नो ना...महिमा...आज भी विदेश में मेरी कितनी फ़ैन फ़ॉलोइंग है. मेरे फ़ैन्स अक्सर मेरे सम्मान में कोई न कोई प्रोग्राम कराते रहते हैं. ग्लैमर तो ग्लैमर होता है,’’ अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कुराते हुए लक्की ने कहा या कहें कि महिमा को मुंहतोड़ जवाब दे डाला.

लक्की और महिमा के हर लफ़्ज़ किसी फ़िल्मी संवाद से कम नहीं लग रहे थे. दोनों एक-दूसरे का शब्दों से एनकाउंटर करने का मौक़ा नहीं छोड़ रही थीं. यहां भी दोनों आमने-सामने और अपनी फ़िल्मों की तरह ही समानांतर ही खड़ी थीं.

हालांकि एक बात तो तय है कि एक-दूसरे की विदेश यात्रा की वजह जानने के बाद दोनों के सेलेब्रिटी कलेजे में ठंडक आई होगी, क्योंकि सेलेब्रिटीज़ की आदत होती है कि वे अक्सर दूसरे कलाकार के बारे में जानने में ख़ासी दिलचस्पी लेते हैं. इस सेलेब्रिटी स्वभाव से ये दोनों मोहतरमाएं कैसे अछूती रहतीं.

लक्की-महिमा अपनी बातचीत में शायद यह भूल चुकी थीं कि वे लंदन एयरपोर्ट पर हैं और यहां आधी रात्रि के बाद यात्रियों को प्रांगण में ठहरने की अनुमति नहीं है. लगभग 3-4 घंटे साफ़-सफ़ाई के लिए प्रांगण को ख़ाली करा दिया जाता है. जब एयरपोर्ट के स्टाफ़ ने आकर उनकी बातचीत में विघ्न डालने की जुर्रत की (जुर्रत इसलिए कहना पड़ रहा है, क्योंकि वे जानते नहीं थे कि ये दोनों कौन हैं). थोड़ा चिड़चिड़ाने के बाद लक्की और महिमा समझ गईं कि उनकी हैसियत का यहां कोई फ़ायदा नहीं. अब उनके सामने दो ही विकल्प थे-फिर से लंबी दूरी तय करके अपने होटल जाना या एयरपोर्ट के बाहर ही 3-4 घंटे बिताना.

‘‘मैं तो यहां बाहर इंतज़ार नहीं कर सकती. मैं जाती हूं पास के किसी होटल में कमरा ढूंढ़ लूंगी. तुम आ रही हो मेरे साथ?’’ महिमा ने कर्टसी दिखाते हुए कहा.

‘‘नो, नो थैंक्स,’’ लक्की ने जवाब दिया.

‘‘ओके ऐज़ यू विश,’’ महिमा अपना सामान उठाकर बाहर निकल जाती है. लक्की को भी मजबूरन बाहर जाना ही पड़ता है. वहां एक बेंच पर अपना सामान रखकर लक्की रिलैक्स करने की कोशिश करती है और मन में कुछ न कुछ बड़बड़ाती रहती है. उसकी आंख लग जाती है.

अभी आधा घंटा भी नहीं बीता होगा, लक्की को अपने लगेज में हलचल महसूस होती है. वह हड़बड़ाकर आंख खोलती है तो देखती है कि महिमा बगल में बैठी है. उसी ने उसके लगेज को हिलाडुला अपने बैठने के लिए जगह का इंतज़ाम किया था. महिमा ने लक्की के चेहरे पर चिढ़ानेवाली मुस्कान देखी. ‘‘हे महिमा, व्हॉट हैपेन? क्या हुआ तुम तो होटल जा रही थी?’’ लक्की ने छेड़ा. महिमा कहां पीछे रहनेवाली थी. उसने कहा,‘‘आई हैव जस्ट चेंज्ड माई प्लैन. आई थॉट हाउ कैन आई बी सो रूड? तुम्हें ऐसे छोड़कर जाना अच्छा नहीं लगा. सो, आईएम बैक.’’
मन ही मन मुस्काती हुई लक्की कहती है,‘‘ओह, सो स्वीट महिमा...’’ न चाहते हुए भी उसे महिमा का आभार प्रकट करना पड़ा.

यह बात तो पक्की थी कि लक्की और महिमा एक-दूसरे के साथ रहना नहीं चाहती थीं, लेकिन उनके बनावटी प्यार न्यौछावर करने की अदा को देखकर किसी तीसरे व्यक्ति को शायद ही इसका अंदाज़ा होता. दिखावटी प्यार बरसाने में तो सेलेब्रिटीज़ उस्ताद होते ही हैं. ख़ैर, दोनों के पास एक-दूसरे को झेलने के अलावा कोई और विकल्प था भी नहीं.

लक्की समय बिताने के लिए बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाती है,‘‘सो, महिमा तुम शॉपिंग के लिए आई थीं ना? क्या-क्या ख़रीदा?’’ लक्की के अंदर की महिला जाग उठी है और अब वह महिमा से उसकी शॉपिंग, उसके पसंदीदा ब्रैंड्स का पूरा ब्यौरा जमा कर लेना चाहती है.

‘‘हां, हां मैंने बहुत शॉपिंग की. लंडन मैं तो सारे बेस्ट ब्रैंड्स मिल जाते हैं. मैंने यहां से जीन्स, टॉप्स, बैग्स, सैंडल्स... ख़ूब शॉपिंग की है.’’ अपना हैंडबैग‌ दिखाते हुए कहा,‘‘लुक ऐट दिस... यह वर्ल्ड के बेस्ट ब्रैंड का है.’’

लक्की ने बैग की तारीफ़ करते हुए कहा,‘‘इट्स रियली फ़ैब्युलस. और व्हॉट अ कोइन्सिडेंस मेरे पास भी यही बैग है! बाय द वे महिमा. मुझे याद है तुम्हें तो ये शॉपिंग-वॉपिंग पसंद नहीं थी ना! तो ये ड्रैस्टिक चेंज कैसे आया?’’ लक्की ने चुटकी ली.

‘‘या या यू आर राइट. बट यू नो समय आपको बदल देता है. अब क्या करूं इतना पैसा है तो उसे ख़र्च करना ही होगा न.’’

लक्की की नज़र महिमा के नज़र कवच पर गई. उसने पूछा,‘‘महिमा वैसे तुमने जो हाथों में पहन रखा है वह नज़र कवच है ना? तुम्हें कब से नज़र लगने लगी?’’ यह भी लक्की का कटाक्ष ही था, क्योंकि सुंदरता के मामले में महिमा हमेशा से लक्की से उन्नीस ही मानी जाती रही है.

‘‘ओह नहीं नहीं. ये नज़र कवच नहीं है. मैंने यह और ये रुद्राक्ष की माला दोनों जस्ट फ़ैशन के लिए पहनी है.’’ जबकि हक़ीक़त यही है कि महिमा तथाकथित प्रोग्रेसिव फ़िल्में ज़रूर करती रही है, लेकिन वास्तविक ज़िंदगी में घोर अंधविश्वासी है.

सांस छोड़ते हुए लक्की ने कहा,‘‘ओह ओके. आई सी, आई सी...’’

‘‘अच्छा तो तुम बताओ, क्या तुमने कुछ नहीं ख़रीदा लंडन से?’’

‘‘ओह यस यस. यू नो आईएम वेरी फ़ॉन्ड ऑफ़ कॉस्मेटिक्स, सो मैंने ढेर सारे कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट्स ख़रीदे हैं.’’ अपनी पलकों के मस्कारा और आइलाइनर की ओर इशारा करते हुए कहा,‘‘फ्रॉम वर्ल्ड्स बेस्ट आइ मेकअप आर्टिस्ट.’’ फिर उसने अपने हैंडबैग में से नेलपॉलिश निकालकर दिखाते हुए कहा,‘‘दिस इज़ गिफ़्टेड बाय हिम.’’

ब्रैंड का नाम देखते ही महिमा ने व्यंग्यात्मक मुस्कान का प्रदर्शन करते हुए पूछा,‘‘अरे यह तो वही मेकअप आर्टिस्ट है ना, जिसके अपने ही मेल स्टाफ़ के साथ चक्कर की ख़बरें आती रहती हैं?’’

नाक भौं सिकोड़ते हुए लक्की ने जवाब दिया,‘‘उससे मुझे क्या मतलब? ही इज़ वेरी गुड विद मी. सो डू आईएम. वैसे महिमा मैंने सुना है, जो तुम्हारा पब्लिसिटी मैनेजर है वह भी तो इन दिनों दोस्ताना ही निभा रहा है!’’ इसे कहते हैं मौक़े पर चौका, जो अभी लक्की ने मारा है.

‘‘वेल आई डोंट बॉदर अबाउट हिम. अब वो क्या करता है क्या नहीं, मुझे तो फ़ुर्सत ही नहीं मिलती. वेल, लक्की कुछ दिनों पहले तुम्हारी फ़ोटो देखी थी पेपर में. तुम्हारे एनजीओ के एक इवेंट की कवरेज छपी थी. वाक़ई में फ़ायदा भी हो रहा है लोगों को तुम्हारे एनजीओ से या बस फ़ैशन के लिए बना रखा है तुमने? वैसे भी हम लोग तो यह सब करते ही रहते हैं. यू नो सेलेब्रिटीज़ के चोचले.’’

‘‘महिमा, औरों की बात तो मैं नहीं जानती, पर अपनी तारीफ़ करना भी मेरी आदत नहीं है. हां, बट यू कैन सर्च. मैं पैसे नहीं देती औरों की तरह फ़ोटो छपवाने के लिए. अब कुछ अच्छा कर रही हूं तो लोग लिखेंगे ही ना. वैसे पॉप्युलर सिनेमा में रहने का फ़ायदा है, हमें फ़िल्मों में तो अच्छे पैसे मिलते ही हैं, कई ऐंडॉर्समेंट्स के भी ऑफ़र आते ही रहते हैं. लोग आपको पहचानते हैं तो आपके एनजीओ को डोनेट भी करते हैं.’’

‘‘बट लक्की, आई मस्ट से, आई जस्ट हेट साबुन तेल बेचना. मैं तो इस मामले में बेहद चूज़ी हूं.’’

‘‘वैसे महिमा व्हॉट अबाउट रोशन सक्सेना यार? व्हेयर इज़ ही दीज़ डेज़?’’

‘‘ओह, ही इज़ फ़ाइन... ही इज़ हैप्पी...’’ एक लंबा पॉज़ देने के बाद महिमा दोबारा कहती है,‘‘बट नॉट विद मी....’’ और फिर शांत हो जाती है. कुछ देर के लिए दोनों शांत रहती हैं.

ख़ामोशी को तोड़ने का काम लक्की करती है,‘‘ओह आईएम सॉरी यार...’’

‘‘ओह, डोंट बी सॉरी. व्हॉट अबाउट राहुल कपूर? उनका बिज़नेस कैसा चल रहा है?’’

अब लंबा पॉज़ लेने की बारी लक्की की थी. कुछ देर बाद उसने कहा,‘‘ही इज़ नॉट एनीमोर...’’

महिमा चौंकती है. महिमा की तरफ़ देखकर लक्की कहती है,‘‘ही इज़ नॉट एनिमोर विद मी.’’

दोनों मुस्कुराती हैं, लेकिन इन दो सवालों से लक्की और महिमा दोनों के दिल की बातें साफ़-साफ़ उभर आईं. वे चाहकर भी अपने ब्रैंडेड कॉस्मेटिक्स के पीछे दिल का दर्द नहीं छुपा पा रही थीं. वे अपनी दिखावटी ज़िंदगी से बाहर निकलने को बेताब नज़र आ रही थीं. कुछ देर शांत रहने के बाद न जाने क्यों, लेकिन अब दोनों वास्तविक बातें करने लगीं.

लक्की ने महिमा से जानना चाहा कि वो और रोशन क्यों अलग हो गए. महिमा ने बताया कि रोशन उससे नहीं उसके पैसों से प्यार करता था. ‘‘रोशन कहता था, मैं सुंदर नहीं हूं, ग्लैमरस नहीं हूं, एक पुरुष को जो चाहिए, मुझमें ऐसा कुछ भी नहीं है. इसलिए वह अब मेरे साथ नहीं रह सकता,’’ बताते हुए महिमा की आंखें नम हो चुकी थीं. महिमा ने बताया कि कैसे बाद के दिनों में रोशन ने उसे फ़िज़िकली भी टॉर्चर करना शुरू कर दिया था. लक्की ने महिमा को संभाला.

संभलने के बाद महिमा ने पूछा,‘‘लेकिन यार लक्की तुमने तो लव मैरेज की थी फिर?’’

‘‘रोशन ने तुम्हें छोड़ा, क्योंकि तुम ग्लैमरस नहीं थीं, राहुल ने मुझे छोड़ा क्योंकि मैं बहुत ग्लैमरस थी. उसके दोस्त मेरी तारीफ़ करते रहते थे. उसे जलन होती थी. वह मुझ पर शक़ करने लगा था. वैसे फ़िलहाल हम एक साथ, एक ही बंगले में रहते हैं, लेकिन सिर्फ़ दिखाने के लिए. ताकि हम दोनों की एक आदर्श कपल वाली इमेज ख़राब न हो. बट फ़ैक्ट इज़, वी आर नॉट विद ईच अदर एनीमोर,’’ लक्की भी बोलते-बोलते फूट-फूटकर रोने लगी. रोती भी क्यों न, आख़िर जब उसका करियर पीक पर था तब उसने सबके समझाने के बावजूद राहुल से शादी की थी. उसकी बांह पर बना हुआ राहुल के नाम का टैटू उसे चिढ़ा-सा रहा था.

महिमा और लक्की अब प्रतिद्वंद्वी कम, एक-दूसरे की हमदर्द अधिक नज़र आ रही थीं. अगले दो घंटे तक लगभग दोनों ने अपनी पर्सनल और प्रोफ़ेशनल ज़िंदगी की हर बात साझा की. और वो भी ईमानदारी से. किस तरह दोनों ही निर्माताओं द्वारा परेशान की जाती थीं. कैसे-कैसे ऑफ़र आते थे उन्हें. एक बात तो साफ़ थी चाहे पैरलल सिनेमा हो या मुख्यधारा की फ़िल्में इंडस्ट्री में अभिनेत्रियों के साथ बर्ताव अलग नहीं होता. अपना-अपना दुखड़ा रोने के बाद दोनों ने साथ मिलकर कई अभिनेत्रियों की टांग-खिंचाई भी की. आज के दौर की अभिनेत्रियों के बारे में चर्चा की. उनकी ख़ूबियों और कमियों के बारे में बातचीत की. 

उसी दौरान दोनों ने छेड़खानी कर रहे एक अल्हड़ पुरुष यात्री को फटकार भी लगाई. कुछ घंटे पहले, जो दो महिलाएं एक-दूसरे को देखना भी नहीं चाहती थीं, अब एक-दूसरे का साथ इस क़दर पसंद कर रही हैं कि वॉशरूम में भी गपियाती हुई साथ चली जाती हैं. वॉशरूम में जा कर लड़कियों की तरह वे आईने में ख़ुद को बार-बार निहारती हैं. महिला की भाषा में टचअप और टेक्निकली कहें तो मेकअप करती हैं. उतनी ही देर में कंघी से लेकर क्लिप के ब्रैंड तक पर चर्चा कर लेती हैं. और एक इत्तफ़ाक़-अपनी बातचीत और मेकअप में दोनों इस कदर व्यस्त थीं कि ग़लती से उनका हैंड बैग एक्सचेंज हो जाता है. दोनों वॉशरूम से बाहर निकल आती हैं.
अब सुबह के चार बजने को हैं. दोनों में बातचीत जारी है. एयरपोर्ट का प्रांगण खुल गया है. दोनों अंदर जाती हैं. महिमा मुस्कुराते हुए कहती है,‘‘यार जो भी हो. मॉरल ऑफ़ द स्टोरी यही है कि सारे के सारे लड़के ... होते हैं.’’ उसकी बात से सहमत लक्की कहती है,‘‘हां, यार कुणाल (कोहली) ने सही फ़िल्म बनाई थी हम तुम. उस गाने में सही ही कहा गया था लड़के सोचते हैं ज़्यादा, कम वो समझते हैं.’’ फिर एक सामूहिक ठहाका.

दोनों राहुल और रोशन का मज़ाक उड़ातीं फ़्लाइट में अपनी-अपनी सीट ले लेती हैं. महिमा को सैनेटाइज़र की ज़रूरत पड़ती है. वो अपना हैंड बैग खोलती है. उसे वह नहीं मिला, जिसके लिए उसने बैग खोला था. वो बैग में से एक पेपर निकालती है, जो लंदन के एक बड़े हॉस्पिटल का लेटर था. जिसमें लिखा था कि पेशेंट लक्की कपूर के चेहरे की कॉस्मेटिक सर्जरी सक्सेसफ़ुल रही है. महिमा लक्की का बैग उसे देते हुए कहती है,‘‘हमारे हैंड बैग्स एक्सचेंज हो गए थे. सॉरी मैंने तुम्हारा बैग खोल लिया, और... तुम्हारी मेडिकल रिपोर्ट...’’

लक्की कुछ नहीं कहती. महिमा मुस्कुराते हुए बताती है,‘‘बाय द वे मैं भी नाक की करेक्टिव सर्जरी कराने लंडन आई थी.’’

यह सुनकर लक्की के चेहरे पर भी एक मुस्कान खिल आई. जल्द ही दोनों की यह मुस्कान ठहाके में बदल गई. ठठाकर हंसने के बाद दोनों एक-दूसरे को कहती हैं टेक केयर... फिर वे अपने-अपने मोबाइल में एक-दूसरे का नंबर तलाशने लगती हैं. लेकिन दोनों को एक दूसरे का नंबर नहीं मिलता, क्योंकि दोनों ने लक्की या महिमा नाम से एक-दूसरे का नंबर सेव ही नहीं किया था. लक्की ने महिमा के लिए लिखा था ओल्ड मॉडल और महिमा के मोबाइल में लक्की का नंबर बूढ़ी घोड़ी साइज़ ज़ीरो के नाम से सेव था.

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