कहानी: उज्ज्वला

जनवरी 05, 2021
अपने रूप पर गर्व करने वाला सुनील एक दिन अपने ही चेहरे को देख कर चौंक क्यों गया? सांवली पत्नी की उपेक्षा करते पति की कहानी विजय लक्ष्मी डोसी ...

कहानी: बलात्कार

जनवरी 05, 2021
कुछ बातें परदे के पीछे छिपी होती हैं, वे छिपी रहें तो ही अच्छा. बाहर आ जाएं तो सहीगलत का निर्णय करना मुश्किल हो जाता है. मेरी सोच में कर्नल ...

कहानी: मोहब्बत का दिन

मार्च 18, 2020
बड़ा गहरा रिश्ता है सियासत से तबाही का जिस्म जले या मज़हब घर जले या शहर हमेशा कुर्सियां मुस्कुराती हैं  मैं तो भुक्तभोगी थी, सब कुछ मे...

कहानी: मैं विधवा हूं

मार्च 18, 2020
तुम पास रह कर भी दूर रहे पर नजरों के सामने रहे. आज नजरों के सामने नहीं हो, सिर्फ इसी फर्क ने जीने का अंदाज बदल दिया. हां, मैं विधवा हू...

हास्य: भ्रष्टमेव जयते

मार्च 18, 2020
भ्रष्टाचार के भरोसे कैसे होती है मौजा ही मौजा? शासकीय सेवा में मैं ने 35 वर्ष गुजारे हैं और इतने लंबे कार्यकाल के अनुभव के बाद यही समझ...

कहानी: जीवन संवारना होगा

मार्च 17, 2020
अप्रत्याशित थी रमा के घर से मेरी वापसी. उस ने मुझे सिखा दिया कि अपना भविष्य संवारने के लिए मुझे अपने परिवार का जीवन संवारना होगा... रा...

कहानी: एकालाप

मार्च 15, 2020
"उमस...! सच कहूँ, मौसम का यह मिज़ाज़ मुझे कभी पसंद नहीं आया। सारा दिन मैं गर्मी में घुटकर पड़ी रह जाती हूँ। यह कमरा भी तो देखो, यहाँ ए...
Blogger द्वारा संचालित.